।। श्री हनुमत चरित्र ।।
"श्री हनुमत चरित्र" ग्रन्थ की रचना श्री १००८ श्री हरिहरस्वरूप ब्रम्हचारी जी महाराज द्वारा की गई थी।
महाराज श्री द्वारा इस पद्यमय ग्रन्थ के सात अध्यायों में श्री हनुमान जी महाराज जन्म कथा और बाल लीलाओं से, द्वापरयुग और कलियुग उनकी सुन्दर अवतार लीलाओं का मधुर गुणगान किया गया है, द्वापरयुग त्रेतायुग कलियुग उनकी सुन्दर अवतार लीलाओं का मधुर गुणगान किया गया है और साथ ही इस ग्रन्थ में "भी महाराज श्री की स्वयं की लेखनी में वर्णित हैं।
संवत उन्नीस सौ सत्तानवे आश्विन शुक्ल जान |
शरद पूर्णिमा भौम दिन, पूर्ण हुआ गुणगान ||
महाराज श्री द्वारा "श्री हनुमत चरित्र" ग्रन्थ की रचना का लेखन शरद पूर्णिमा विक्रम संवत 1997 तदनुसार 15 अक्टूबर 1940 को पूर्ण हुआ था।
"श्री हनुमत चरित्र" का संगीतमय पाठ राधेश्याम तर्ज एवं विभिन्न राग-रागिनियों में तब से आज तक निरन्तर वागड क्षेत्र (बांसवाड़ा-डूंगरपुर) के विभिन्न सत्संग मण्डलों द्वारा किया जाता है |
"श्री हनुमत चरित्र पाठ" का आयोजन श्री अयोध्या धाम, श्री मेहन्दीपुर बालाजी, श्री सालासर बालाजी, श्री कष्टभंजन देव सारंगपुर, श्री बालाजी धाम बघाना नीमच, रतलाम, इंदौर, धार, उज्जैन, उदयपुर, ऋषभदेव, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, अहमदाबाद और बड़ोदा आदि स्थानों पर विभिन्न सत्संग मण्डलों द्वारा किया जा चूका है |
"श्री हनुमत चरित्र" का पाठ हनुमान भक्तों को दिव्य आनन्द की अनुभूति करवाता है, श्री हनुमत चरित्र फेसबुक पेज बनाने के पश्चात् पिछले कई वर्षों देश से इसकी मांग बढ़ गई थी, इसी को देखते हुए "श्री हनुमत चरित्र" एंड्राइड एप्लीकेशन की आवश्यकता महसूस हुई, इस एंड्राइड एप्लीकेशन की सहायता से देश-विदेश में बैठे श्री हनुमत चरित्र रसिक इसका आस्वादन कर सकेंगे |
जय सियाराम.
- किंकर कपिल जोशी