1 .बाबा् बंदा सिंह बहादुर पहले सिख सेनानायक थे। उन्हें बन्दा बहादुर, लक्ष्मन दास और माधो दास भी कहते हैं। वे पहले ऐसे सिख सेनापति हुए, जिन्होंने मुग़लों के अजेय होने के भ्रम को तोड़ा और उन के अत्याचारी राज का नाश किया और गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा संकल्पित प्रभुसत्तासम्पन्न लोक राज्य की राजधानी लोहगढ़ में ख़ालसा राज की नींव रखी. यही नहीं, उन्होंने गुरु नानक देव और गुरू गोबिन्द सिंह के नाम से सिक्का और मोहरे जारी करके, निम्न वर्ग के लोगों की उच्च पद दिलाया और हल वाहक किसान-मज़दूरों को ज़मीन का मालिक बनाया.
2. 1715 ई. के प्रारम्भ में बादशाह फ़र्रुख़सियर की शाही फ़ौज ने अब्दुल समद ख़ाँ के नेतृत्व में उन्हें गुरुदासपुर ज़िले के धारीवाल क्षेत्र के निकट गुरुदास नंगल गाँव में कई मास तक घेरे रखा. खाद्य सामग्री के अभाव के कारण उन्होंने 7 दिसम्बर को आत्मसमर्पण कर दिया। फ़रवरी 1716 को 794 सिक्खों के साथ वह दिल्ली लाये गए जहाँ 5 मार्च से 12 मार्च तक सात दिनों में 100 की संख्या में सिक्खों की बलि दी जाती रही। 9 जून को बादशाह फ़ार्रुख़शियार केश से ुख़शे ुख़शन्दा सिंह तथा उनके मुख्य सैन्य-अधिकारियों के शरीर काटकर शहीद कर दिया। 7 उन 749 7 क ब न न न न न न न ंह थ थ ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ं ं ं ं ं ं ं ं ं ं ं ं ं ं ं ं हम आज दु ब ब ब स स ंह ंह ंह ंह ंह ंह ंह ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त
Addition of E-Books.
Addition of Yuva Sewa Daal
Internal Issues fixes.