ीतीत संस ृतृत
ीतीत े नीतिमान व्यक्तियों के द्वारा ही श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण होता है अतः इन नीतिश्लोकों में सज्जनों की प्रशंसा, दुर्जन निंदा, मूर्खजन उपहास, विद्या की महिमा, सद्गुण महिमा, भाग्य, कर्म एवं पुरुषार्थ तथा धन के महत्व का वर्णन किया गया है ..
मनुष्य का व्यक्तिगत जीवन सुखी एवं समृद्ध बनें इन विचारों के साथ श्लोकों का संकलन महाकवि भर्तृहरि के उपदेशात्मक काव्य नीतिशतक से किया गया है ..
- niti satakam