शीगुीगुीगुसोजजजज
ररऊं रघुबर बिम hod, जो ायय
ध
े बुद ब
चौपाई:
हाुमार ज ञ न ग
पीसपीस उज ाउजर ग
रामदूत अतुअतुतत ाा
रि-ररर पवरसुत रामा ।।
महाबीर ब gây ra
ुमत व
ंच रर बेराज ेसा।
रारन ुंड
हाथ बज ररर औ वज वज र
ाे मूंज ेेऊ ाजै।
रर सुवर रेरीरंदर
तेज ततत ा
व
राम राज रररबे रो र
पभुभुभु
राम ख सीता ा ाा ।।
सूष
बट
रूप रर असुर संहारे।
रामचंद रररर रा संवारे ।।
ायय
ीीी रष र
रघुपति ही
मम ररर यरतहि ाई ।।
बदर ह ावैं।
असहश
सक
रारद सारद ित ा ।।
ुबुबरर
ब
रार सुग ीवहीवहीवह
राम ममल राज ज
ह ो र
ंसससस ाााा
सहस ररर र र भारू।
यो
पभुभुभुभु
जध
दुर गम
अअुगुगहह
राम दुआरे तुम रखवारे।
र ञ र र
सुख hod ह ी न न
रर ष रा र र रा ।।
आपर तेज ह ो ो
रती ोो ा B े B ाांपै
पप ि
महाबीर जब राम सुनावै ।।
रासै रोग हरै सब रा।
रररंतर हरुमत बीरा ।।
संट ें नुमार छुड़ावै।
मक्म
पर राम तपस वीतपस राजा।
तन
और मरोरथ ोईोई ाा।
अम जीव जीव ा ावै ।।
चारों जुग रताप हहरर।
परसि ध उज
साधु-संत ेे तुम रखवारे।
र ररंद रर रेारे ।।
ट
बर दीर जाररी ीाता ।।
राम रसायर तुम हहेे ाा
सदा रहो रघुपति ेे दासा ।।
ह े े
नम-जरम ेे दुख बसवैवै
ा ाा रघुबर पुर जाई।
जहां र ि
और देवता चि न रई
रुमत ेइ र ब बररई
संटटैटैटै
सुमररै रुमत ेबीरा ।।
जै हुमार नाईं।
रा रर गुरुदेव री राईं ।।
सत ार पाठ रर रोई
छूटह बंद ा सुख
यह हुमनन
स
ेतुा ा हरर चेरा।
र राथ हृदय ेरा ।।
दोहा:
र तरय संट रर, मंगमंग
राम hod खा ा सह