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महातीर थररर
अभी शंखेश्वर पार्शव और महावीर स्वामी के दोनों शिखरबद्ध जिनालय में तथा 44 भक्तामर के स्वतंत्र देहरियों में 24 तीर्थंकर हुए बीस विरहमान मिलकर 50 तीर्थंकर प्रतिमाओं कि अनजान- प्रतिष्ठा एवं गुरुमंदिर, नाकोड़ा भैरवदेव मंदिर, पद्मावती एवं क्षेत्रपाल मंदिर कि भी प्रतिष्ठा संपन्न होगी.
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