बंय ाााा दत समय रापाजी री हताई रे पास ाटट य रमे से एर र सुदजीन सबसे बड़ा पुत रर बगताजी जीर ए दूसरे दिन जब वह गायें चराने के लिए जंगल में गए तो जहां पर अभी माताजी का स्थान है उस मंगरी के पास एक अति वृद्धा औरत के रूप में माताजी ने उनको साक्षात् दर्शन दिए और उनको सपने की याद दिलाकर वह स्थान बताया और वहीँ अंतर्ध्यान हो गयीं | इसेबे
माँ बंक्यारानी, पवित्र देवस्थान : आसींद तहसील के ग्राम माताजी का खेड़ा