भारत की संसदीय प्रणाली में शून्यकाल का बहुत महत्व है .यह प्रश्नकाल और कार्यक्रम के मध्य का समय होता है .इसमें संसद सदस्य बिना किसी पूर्व सूचना के अपने मामले उठा सकते है .यह मुद्दे उठाने का अनौपचारिक साधन है .इसी तरह हमारा मानना है कि मीडिया जनता का शास्वत शून्यकाल है, जहाँ वह हर वक़्त अपने मामले उठा सकते है .यह वेबसाईट भी आम जनता का शून्यकाल ही है .आम लोगों के लिए आम लोगों द्वारा बनाई हुई तथा आम जन द्वारा ही संचालित. हमारा विनम्र आग्रह है कि आइये और अपनी आवाज़ को बुलन्द करने के लिये इस मंच का जमकर इस्तेमाल कीजिये.
This website is also the Zen Hour of the general public. Generated by the common people for the common people and operated by the common man.