शिक्षा क्रय विक्रय संग्रह की वस्तु नही है, शिक्षा समझदारी का स्रोत है समझदारी से ईमानदारी ईमानदारी से हिस्सेदारी हिस्सेदारी से ज़िमेदारी ज़िम्मेदारी से भगीदारी समझ आती है इसी समझ से समाज का कल्याण है.जो शिक्षित है उनका परमकर्तव्य है समाज को शिक्षित करे.
गुरुकल टीवी का आधार यही है सार बीएस इतना कि शिक्षा की राह में रुपया आड़े न आये कोई भी कलम कागज़ किताब की कमी के कारण मंज़िल से दूर न रह जाये हमारे देश का ये गौरव है कि समाज में शिक्षकों ज्ञानियों धर्माचार्यो राजनीतिज्ञयो की कमी नही कमी है तो साझे मंच की श्रेष्ठता के सम्मान, श्रेष्ठता के उपयोग और प्रसार की.
आओ देश के विद्वानों, कर्मयोगियों, मनीषियों, मुनियों, गुरुजनों, शिक्षार्थियो शिक्षा का उजियारा फैलाये, गुरुकल के साथ चले देश के मान बढाये.