मूरररररर
दैि रे जीवर रे यशस वीवी वीव व व पू पू ऐसे समय में जब तमाम वैचारिक पत्र-पत्रिकाएं व्यावसायिकता की अंधी दौड़ में बेदम हो चुकी है, स्वदेश ने बिना रुके अपने विश्वसनीय पाठको के संबल के चलते वैचारिक अधिष्ठान को जीवंतता प्रदान करते हुए अपनी गौरवमयी यात्रा जारी रखी है. ख खखखखख रारा जी ेशमुख, भाऊराव जी देवरस एवं रज जूभैय तरररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररर वररष 1966 में, श दददद शशीीीीीीी ीमंतीमंतरररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररररर वर्तमान में स्वदेश ग्वालियर समूह के अंतर्गत ग्वालियर, भोपाल, गुना, झाँसी, आगरा एवं सतना साथ में सायंकालीन अखबार सांध्यवार्ता अखबार प्रकाशित किया जा रहा है, समूह संपादक श्री अतुल तारे हैं.
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