Unite Foundation: "The Power of All Success"
Describes the 'Union of Nishad Intellectuals Teachers & Employees' an association of employed & self-employed people for reconstruction, reorganization, development and welfare of socially, economically and educationally weaker section of the society specifically 'Proto-Austroloids'.
यूनाईट फाउण्डेशन क्यों?
साथियों, संघर्ष जीवन का आरंभ भी है और अंत भी ।जो समाज अपने हक,हुकूम के लिए लडाई लडता रहता है, वह वास्तव में, अपने आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित करता है ।आज जब दुनियांकी आबादी आठ अरब होने वाली है तो अपनी पहचान को बनाये रखने के लिए यह बात और भी अहम हो जाती है ।
यूँ तो बिगत दिनों में हमने अपने समाजकी बेहतरी के लिए कार्यरत अनेक संगठन देखे हैं ।
इन संगठनों ने अपने अपने ढंग से समाज में बहुत कुछ किया भीहै ।
तो फिर एक सवाल उठता है कि यह यूनाइट फाउंडेशन क्यों?
दरअसल बात यह है कि मैंने इस फाउंडेशन के अनेक सदस्यों से मुलाकात की ।इस के सभी संस्थापक सदस्य चाहे आदरणीय श्री जोगीलाल निषाद जी हों,श्री सूर्यलाल निषाद जी या फिर श्री तिलक सिंह जी याश्री हरिकिशन निषाद जी, सभी ऐसे अनुभवी और समाज की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयास करने वाले लोग हैं ।
इनके अलावा इस संगठन से जुड़ने वाले अनेक सदस्य हैं जो अपने अपने क्षेत्र यथा समाजशास्त्र, विज्ञान, गणित तथा
आधुनिक विषयों के ज्ञाता हैं ।ये समाज के ऐसे लोग हैं, जो प्राचीन और अर्वाचीन विचारों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए हमारे समाज को विकास के पथ पर अग्रसर करने में सक्षम हैं।
साथियों,यूनाईट फाउण्डेशन का पूरा नाम है – यूनियन आॅफ निषाद इंटेलेक्चुअल, टीचर्स एंड इम्पलाइज फाउंडेशन ।
यह समाज का एकमात्र संगठन है जो पूरी तरह से देश और वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है ।इस संगठन का ढांचा त्रिस्तरीय है जो प्रदेश,जोन तथा जिले स्तर पर प्रमुखों और उनके दो उपपमुखों के द्वारा क्रियान्वित किया जायेगा ।इस संगठन के पदाधिकारियों का चुनाव भी होगा और वह एक निश्चित अवधि के लिए कार्य कर सकेंगे ।
इस संगठन के प्रत्येक सदस्य अपनी आमदनी से माहवार कम से कम रू100/का योगदान नियमित रूप से करेंगे, जिसका उपयोग समाज की बेहतरी के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया से किया जायेगा ।
साथियों, फिक्र और फख्र दोनों व्यक्ति को असहज कर देते हैं ।
तथागत बुद्ध ने इसीलिए विश्व को
“मध्यम प्रतिपदा “का संदेश दिया ।इतिहास साक्षी है कि मनुष्य को आदिम युग से आधुनिक युग तक ले आने में निषादों ने कितनी बडी
भूमिका अदा की है ।इसके बावजूद आज इस समाज को यथोचित सम्मान व अधिकार नहीं मिला ।हर बार इस समाज को छल व धोखा ही मिला है ।इसकी एक वजह इस समाज की सरलता है ।भारतीय सामाजिक व्यवस्था में इसके हितों को हमेशा
नजरअंदाज किया गया है ।हमारे समाज के लोगों में अंधविश्वास, कर्मकांड और पाखंड का जाल फैला कर, उसकी कमाई का एक बडा भाग हजम कर लिया जाता है ।परन्तु अब ऐसा नहीं होगा ।
यूनाइट फाउंडेशन के प्रगतिशील सदस्य अपने अपने क्षेत्रों में संगठन के निर्देशानुसार समाज में जागरूकता पैदा करेंगे और पूरी
पारदर्शिता एवं ईमानदारी से समाज को आगे ले जाने का काम करेंगे।
इसी इच्छा और कामनाओं के साथ मेरी अपील है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस संगठन से जुड़ें और इसे सफल बनायें —–
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