साईं बाबा के भक्त और मन्दिर:
शिरडी साईं बाबा आंदोलन 19 वी सदी में शुरू हुआ जब वो शिरडी रहते थे | एक स्थानीय खंडोबा पुँजारी म्हाल्सप्ति उनका पहला भक्त था | 19 वी सदी तक साईं बाबा के अनुयायी केवल शिरडी और आस पास के गाँवों तक ही सिमित थे | Shirdi Sai Baba साईं बाबा का पहला मन्दिर भिवपुरी में स्तिथ है | शिरडी साईं बाबा के मंदिर में प्रतिदिन 20000 श्रुधालू आते है और त्योहारों के दिनों में ये संख्या एक लाख तक पहुच जाती है |
Shirdi Sai Baba शिरडी साईं बाबा को विशेषत: महराष्ट्र, उडीसा. आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पूजा जाता है | 2012 में एक अज्ञात श्रुधालू ने पहली बार 11.8 करोड़ के दो कीमती शिरडी मन्दिर में चढाये जिसको बाद में साईं बाबा ट्रस्ट के लोगो ने सबको बताया | शिरडी साईं बाबा के भक्त पुरे विश्व में फैले हुए है |
साईं बाबा धर्म की सीमाओं में कभी नहीं बंधे। वे सभी धर्मो के सार पर ही चलते थे. उनके भक्त भी सभी धर्मो से थे. उनके अनुसार कोई भी इंसान अपार धैर्य और सच्ची श्रद्धा की भावना रखकर ही की प्राप्ति कर सकता है।सबका मालिक के उद्घोषक वाक्य से साईं बाबा ने संपूर्ण जगत के स्वरूप ने संपूर्ण के स्वरूप उनके येह देविक फ़किर भगवान कि तरह कि पुजनिय है. साईं बाबा ने ऐसे ऐसे चमत्कार अपने भक्तो को दिखाए जो उन्हें एक साधारण फ़क़ीर से देविक शक्ति की बड़े डॉक्टर हो जाते थे तब साईं से प्राप्त.